एक अलख जगाओ अब तो जाग जाओ, जोमैटो नहीं जमकर घर का खाओ। एक अलख जगाओ अब तो जाग जाओ, जोमैटो नहीं जमकर घर का खाओ।
कोई तो अपने अंदर के राम को जगाओ। कोई तो अपने अंदर के राम को जगाओ।
जरा इस आदमी को जगाओ। वक्त पर जगाओ, जरा इस आदमी को जगाओ। वक्त पर जगाओ,
दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा। दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा।
वो कभी नहीं आया,उम्मीद की रौनी पर बादल मँडराते रहे,और देह की गठरी छन्न-छन्न बुझती रही। वो कभी नहीं आया,उम्मीद की रौनी पर बादल मँडराते रहे,और देह की गठरी छन्न-छन्न बुझत...
ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो... ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो...